चीनी मिलों के लिए राहत के उपाय
नई दिल्ली। उद्योग में और अधिक तरलता का समावेश करने तथा किसानों के गन्ना बकाये की अदायगी को सुगम बनाने के लिए चीनी मिलों को उदार ऋण देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने वर्तमान चीनी सीजन 2014-15 के लिए 6000 करोड़ रूपये की अधिकतम सीमा तक एक उदार ऋण योजना को मंजूरी दे दी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि किसानों को शीघ्रता से उनके बकाये की अदायगी हो जाए। सीसीई, ने यह भी कहा कि चीनी मिलों से सूची मिलने के बाद बैंक गन्ना उत्पादकों को प्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त,मिलों को शीघ्रता से उनके बकायों को खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पहले कहा था कि उदार ऋण केवल उन्हीं इकाइयों को दिया जायेगा जिन्होंने 30 जून तक अपने बकाये एरियर का कम से कम 50 प्रतिशत अदा कर दिया है। सरकार ने इस ऋण पर एक वर्ष का ऋण स्थगन प्रदान किया है और वह उपरोक्त अवधि के लिए 600 करोड़ की सीमा तक ब्याज छूट लागत वहन करेगी।
उपरोक्त कदमों के परिणामस्वरूप, गन्ना मूल्य बकाए में निरंतर कमी आ रही है और वर्तमान में यह 15,400 करोड़ रूपए है। बकाए का और अधिक तरलीकरण करने और उदार ऋण योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए सरकार ने उदार ऋण योजना के तहत योग्यता अर्जित करने की तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त करने का फैसला किया है। अब मिलों को ऋण पाने में योग्य बनने के लिए 31 अगस्त तक गन्ना बकाए के 50 प्रतिशत तक चुकाने की जरूरत होगी। यह अधिक से अधिक मिलों को इस योजना का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के जरिए बड़ी संख्या में किसानों को लाभान्वित करेगा। यह भी फैसला किया गया कि किसानों के गन्ना बकाए की अदायगी के बाद अगर कोई शेष राशि बचती है तो उसे मिल के खातों में जमा करा दिया जाएगा।
कच्ची चीनी पर निर्यात प्रोत्साहन को 3200 रूपए से बढ़ाकर 4000 मीट्रिक टन कर दिया गया है। 14 लाख मीट्रिक टन कच्ची चीनी के निर्यात को समर्थन देने के लिए फंड जारी कर दिए गए हैं।
इथनॉल के लिए लाभकारी मूल्य निर्धारित कर दिए गए हैं। मूल्यों को बढ़ाकर 49 रूपए प्रति लीटर कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप मिश्रण के लिए इथनॉल की आपूर्ति 32 करोड़ लीटर सालाना से बढ़कर 83 करोड़ लीटर सालाना हो गई है। मिश्रण कार्यक्रम के लिए इथनॉल की आपूर्ति को और प्रोत्साहित करने के लिए अगले चीनी सीजन में मिश्रण के लिए आपूर्ति किए जाने वाले इथनॉल पर उत्पाद शुल्कों को माफ कर दिया गया है।
सरकार ने घरेलू बाजारों में चीनी के संभावित रिसाव को रोकने के लिए आयात शुल्क को भी बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है तथा शुल्क मुक्त आयात अनुज्ञप्ति योजना समाप्त कर दी है। सरकार ने उन्नत अनुज्ञप्ति योजना के तहत निर्यात बाध्यता अवधि को भी 18 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया है।