कृषि को नई दिशा देगी बायोस्टेट की सीवीड तकनीक

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इंदौर। सीवीड तकनीक अपनाकर किसान फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। सीवीड समुद्रीय जीवन की वनस्पतियों पर आधारित आहार स्रोत है, जिसकी कृषि विकास में अहम् भूमिका है। इसको अपनाकर किसान विकसित देशों की कृषि विधियों के समान उत्पादकता ले सकते हैं। कृषक जगत एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित जैविक हाट के दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, कम्पनी के चीफ मैनेजर श्री हेमन्त अतुलवार एवं रीजनल मैनेजर म.प्र. श्री मंगेश गिडे ने बायोस्टेट इंडिया लि. की सीवीड-ए कॉफी टेबलबुक का लोकार्पण किया। श्री गिडे ने बताया यूएस से हासिल सीवीड आधारित तकनीकी को कम्पनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री जुझार एस. खोराकीवाला की परिकल्पना से नए आयाम मिले हैं। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी सीवीड्स के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा था- तटीय सीवीड्स में मानव स्वास्थ्य की देखभाल और कृषि के लिए खूब संभावनाएं हैं। बायोस्टेट का मानना है कि भारत के विकास की रीढ़ किसान हैं, जिनको खेती के साधनों और सेवाओं की उच्चस्तरीय श्रेणी प्रदान करना आवश्यक है। फ्लैगशिप ब्रांड बायोझाइम के लिए पहचाने जाने वाले बायोटेक्निकल रिसर्च आधारित उत्पादों के क्षेत्र में बायोस्टेट ने सदैव पथ-प्रदर्शन किया है। विशेष फर्मेंटेशन तकनीक का उपयोग कर कम्पनी सीवीड आधारित उत्पादों की विस्तृत शृंखला उपलब्ध करा रही है। सीवीड-ए-कॉफी टेबल बुक इसके फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगी।

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