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कृषि कर्मण अवॉर्ड से फिर मिलेगी प्रेरणा

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मध्यप्रदेश को चौथी बार वर्ष 2014-15 के लिए कृषि कर्मण अवॉर्ड मिलने पर प्रदेश के किसानों की एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिये प्रदेश के सभी किसान तथा कृषि से जुड़े व्यक्ति तथा संस्थायें बधाई के पात्र हैं। भारत सरकार द्वारा इस वर्ष यह अवॉर्ड मध्यप्रदेश को खाद्य फसलों के उत्पादन में सबसे अच्छे प्रदर्शन के लिये दिया है। विभिन्न फसलों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये राजस्थान को गेहूं के लिये तथा छत्तीसगढ़ को दलहनी फसल के उत्पादन के लिए भी अवॉर्ड घोषित हुए हैं। अवॉर्ड में मध्यप्रदेश को 5 करोड़ तथा राजस्थान व छत्तीसगढ़ को 2-2 करोड़ रुपये की राशि भी प्राप्त होगी। इस राशि का उपयोग राज्यों के कृषि कार्यालयों में कार्यशैली के वातावरण को सुधारने के लिए उपयोग करना होगा। आशा है कि यह राशि जिस कार्य के लिये दी गयी है उसी में उपयोग की जायेगी और किसानों को भी प्रदेश की कृषि योजनाओं तथा कृषि संबंधी जानकारी प्राप्त करने में भी एक अच्छा वातावरण सुविधा मिलेगी। कोई भी अवार्ड मिलने के बाद उसे दोबारा उस स्तर से ऊपर उठना आवश्यक हो जाता है इसके लिये विशेष प्रयास अपनाना आवश्यक हो जाता है। इसके लिये प्रमुख फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। जिन जिलों में वहाँ उगाई जाने वाली फसलों की उत्पादकता अच्छी है वहां उत्पादकता बढ़ाने की गुंजाइश कम है। इसके लिए हमें कम उत्पादकता वाले जिलों को चिन्हित करना होगा और कम उत्पादकता के कारणों को ज्ञात करने के बाद समस्याओं का निदान करने के बाद उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। तभी हम कृषि कर्मण अवॉर्ड जिसे हम पिछले चार साल से जीत रहे हैं को आगामी वर्षों में भी प्राप्त करने के लिये सक्षम हो पायेंगे। आशा है कि कृषि कर्मण अवॉर्ड से मिलने वाली राशि से तीनों प्रदेशों के कृषि वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन आयेंगे और यह कृषि से संबंधित सभी व्यक्तियों को वर्षों तक कृषि कर्मण अवॉर्ड के लिये प्रेरित करते रहेंगे।

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