एफसीआई किसानों से सीधे खरीदेगी धान
नई दिल्ली। पूर्वी और पश्चिमी प्रदेशों में विकास की असमानता दूर करने के लिये सरकार पूर्वी राज्यों को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार कर रही है। इसी रणनीति के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और असम के लिए कार्य योजना तैयार की है। वहीं, खाद्य मंत्रालय ने चावल पर लेवी को खत्म कर सीधे किसानों से धान खरीदने का फैसला किया है। इससे पूर्वी राज्यों के छोटे और मंझोले किसानों को फायदा होगा। खाद्य मंत्रालय ने एक अक्टूबर से चावल मिलों की लेवी खत्म करने का फैसला लिया है।
मिल मालिक अब एफसीआई के लिये धान की खरीद नहीं करेगा। एफसीआई खुद धान खरीदने के लिये किसानों के पास जाएगी। इससे किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलेगा। साथ ही सरकार किसानों को बेहतर बीज और तकनीक भी मुहैया कराएगी, जिससे इन राज्यों में भी धान की पैदावार को बढ़ावा दिया जा सके।
एफसीआई पंजाब और हरियाणा के बजाय पूर्वी उ.प्र., बिहार और झारखंड के छोटे व मंझोले किसानों से खाद्यान्न खरीदेगी। दिलचस्प यह है कि उत्तर प्रदेश में पंजाब और हरियाणा के मुकाबले गेहूं की पैदावार ज्यादा है।
हालांकि, यूपी में पंजाब व हरियाणा के मुकाबले एफसीआई की खरीद सिर्फ पांच फीसदी है। इससे किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता। एफसीाई की खरीद शुरू होने से किसानों को फसल की कीमत मिल पाएगी।
देश में लगभग 80 फीसदी छोटे और मंझोले किसान 55 प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन करते हैं।