एक्सेल क्रॉप ने किया सोयाबीन समस्याओं का समाधान
इंदौर। एक्सेल क्रॉप केयर लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट श्री अनिल कक्कड़, एसोसिएट जनरल मैनेजर श्री होशियार सिंह, श्री एस.पी.एस. मलिक (जीएम मार्केटिंग, एसएनपी) ने इंदौर जिले की सांवेर तहसील के ग्राम हुकुमखेड़ी का दौरा किया। उन्होंने किसानों के खेत में पहुंचकर उनकी समस्याओं को जाना एवं उनका निदान बताया। श्री होशियारसिंह ने किसानों को कंपनी के उत्पादों केविएट एवं एक्सेल एरोज के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा एक्सेल के पास रसचूसक हो या केटरपिलर, सभी के निदान के लिए उत्पाद मौजूद हैं। एरोस की 250 मिली मात्रा का पहला छिड़काव फूल आने, बाली बनने या बोनी के 25-30 दिन बाद किया जाना चाहिए। दूसरा व तीसरा छिड़काव पहले के 15 दिन के अंतराल पर करें। उन्होंने किसानों को कंपनी के उत्पाद केविएट के संबंध में भी जानकारी दी। एरोस एमिनो एसिड्स, हाइड्रोलाइट्स, चिलेटेड खनिज पदार्थों एवं पोषक तत्वों एवं समुद्री घास के रस का सर्वगुण सम्पन्न मिश्रण है, जिसे प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं के साथ खमीरीकरण प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न किया जाता है। श्री कक्कड़ ने किसानों को बताया कि प्राकृतिक असंतुलन के चलते सोयाबीन एवं अन्य फसलों में पौधों में तनाव आरओएस (रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशिस) पैदा होता है। उच्च या कम ताप, सूखा, पोषक तत्वों की कमी, अल्ट्रा वायलेट किरणें, रोग-कीट, खरपतवार एवं कृषि रसायनों की अधिकता से ये तनाव उत्पन्न होता है। जैविक तनाव से 11 प्रतिशत, जबकि अजैविक तनाव से 65 प्रतिशत तक फसलों को हानि होती है। एरोस कोशिकाओं में जमा ऑक्सीजन मुक्त कर पौधों में उत्पन्न होने वाले तनाव को दूर करता है। उक्त जानकारी कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री बसंत गौर ने दी।