Uncategorized

इस वर्ष सामान्य से अधिक होगा मानसून

चारों माह होगी झमाझम

मौसम पूर्वानुमान और कृषि जोखिम से जुड़े समाधान उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनी स्काइमेट ने मानसून 2016 का अपना पूर्वानुमान संशोधित किया है। स्काइमेट के अनुसार आने वाला मानसून ‘सामान्य से अधिक होगा। स्काइमेट के संशोधित पूर्वानुमान के मुताबिक जून से सितंबर की 4 माह में दीर्घावधि 887 मिलीमीटर से अधिक 109 प्रतिशत वर्षा दर्ज की जाएगी। इसमें 4 प्रतिशत की अधिकता या इतने की ही कमी का अंतर भी बताया गया है।भौगोलिक आधार पर बारिश के वितरण के बारे में कंपनी का मानना है कि जून, जुलाई, अगस्त और सिंतबर के दौरान पूर्वोत्तर भारत, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में इस बार सामान्य से कुछ कम लेकिन इसके आसपास बारिश होगी। मध्य भारत और पश्चिमी तटवर्ती भागों में अच्छी वर्षा दर्ज की जाएगी। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं अत्यधिक वर्षा हो सकती है। पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार के कुछ भागों में कम बारिश के आसार हैं। मानसून के पहले भाग के मुकाबले दूसरे भाग में बेहतर वर्षा की संभावना है। मानसून के बाद अक्टूबर तक अच्छी वर्षा का दौर जारी रह सकता है।
स्काइमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री जतिन सिंह के अनुसार अलनीनो कमजोर हो रहा है और केरल में मानसून के दस्तक देने के साथ ही यह समाप्त हो सकता है। मानसून के प्रदर्शन पर इसके नकारात्मक असर के आसार नहीं है। इस वर्ष के दूसरे भाग में ला नीना का प्रभाव शुरू होने की संभावना है।

  • जून में वर्षा की संभावना

    दीर्घावधि की 87 प्रतिशत वर्षा (दीर्घावधि औसत=164 मिमी) द्य 50 प्रतिशत संभावना सामान्य वर्षा की द्य 20 प्रतिशत संभावना सामान्य से अधिक वर्षा की द्य 30 प्रतिशत संभावना सामान्य से कम वर्षा की।

  • कृषि पर प्रभाव

    वर्ष 2016 में खरीफ फसलों का रकबा बीते वर्ष के मुकाबले 15 से 20 फीसदी अधिक हो सकता है। जिसके आधार पर खरीफ पैदावार 129 से 130 मिलियन टन के बीच रह सकती है। इस वर्ष के खरीफ
    सीजन में जिन फसलों की बुआई अधिक हो सकती है उनमें सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, मूंग, उड़द सहित धान शामिल हैं। कपास की बुआई में कुछ कमी आने के आसार हैं जबकि गन्ने की खेती पिछले वर्ष के समान रहेगी। लेकिन अच्छी बात यह है कि खेती का दायरा कम होने के बावजूद कपास की पैदावार में वृद्धि होने का अनुमान जताया जा रहा है।

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *