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आम आदमी को राहत देने वाली योजनाएं

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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस सोच की तारीफ की जाना चाहिए कि जब उन्होंने देश के निम्र आय वर्ग एवं मध्यम वर्ग को मामूली से प्रीमियम पर जीवन सुरक्षा कवच देने की तैयारी की है। रोज कमाने एवं रोज खर्च करने वाले देश के आम आदमी को स्वयं एवं परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने इतना भी कुछ नहीं बच पाता कि , वह सुरक्षित भविष्य की परिकल्पना भी कर सके। अक्सर परिवार के मुखिया की आकस्मिक मौत, अपंगता की स्थिति में आश्रित परिवार भुखमरी के कगार तक जा पहुंचता है। भारतीय संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार तो देता है लेकिन विषम आर्थिक परिस्थियों में ऐसे जीवन को सुरक्षित करने की प्रतिबद्धता अभी तक सरकारों में नहीं दिखाई दी थी। भाारतीय जीवन बीमा सहित अन्य बीमा कम्पनियों की महंगी प्रीमियम को वहन कर पाना देश के प्रत्येक नागरिक के वश में नहीं है।
बावजूद इसके महंगाई के साथ जहां बीमा प्रीमियम बढ़ायी गई वही पिछली सरकारों ने इस पर सर्विस टैक्स सहित अन्य अधिभार लगाकर प्रीमियम दरों को और अधिक महंगा कर दिया है।
प्रधानमंत्री द्वारा लांच की जा रही प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना मात्र 12 रुपए एवं 330 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर बीमार्थी को दो-दो लाख रुपए का सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना देश के 18 से 70 वर्ष उम्र के प्रत्येक बैंक बचत खाताधारी को मात्र 12 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर रुपए 02 लाख का दुर्घटना बीमा दे रही है। जिसमें दुर्घटना के दौरान स्थायी विकलांगता पर भी बीमार्थी को विकलांगता राहत प्रदान करेगी। वहीं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना 18 वर्ष से 50 वर्ष की आयु वर्ग के व्यक्ति को मृत्यु के दौरान उसके परिवार को 2 लाख रुपए की सहायता देगी। दोनोंंंं की योजनाएं देश के आम आदमी को महंगी बीमा की किश्तें निकल पाना अभी तक नामुमकिन ही बना हुआ था। इसलिए देश का 45 फीसदी व्यक्ति हमेशा ही जीवन बीमा ले पाने में असमर्थ ही रहा है। वहीं जीवन बीमा पॉलिसी लेने वाले 18 फीसदी व्यक्ति समय पर प्रीमियम अदा न कर पाने के कारण परिपक्कता के अवधि तक बीमा पॉलिसियां के परिचालन में अक्षम ही रहते आये है। इन स्थिति में देश के आम आदमी का भविष्य की वेदनाओं एवं चिंताओं को लेकर ही गुजरा करता है। देश के प्रधानमंत्री के दूरदर्शी सोच की तारीफ इसलिए भी की जानी चाहिए कि उन्होंने योजना देश के प्रत्येक बैंक खाताधारी के लिए लांच की है। इसमें कहीं कोई जातिगत या आय सीमा की बाध्यताओं से योजनाओं को सीमित नहीं किया गया है।
मात्र बचत खाताधारी की लिखित सहमति के आधार पर बैंक बीमा कम्पनियों के माध्यम से इस मानवीयता से जुड़ी जिम्मेदारी का निर्वाह करेगी। इसके साथ ही केन्द्र सरकार वृद्धावस्था को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अटल पेंशन योजना भी देश के नागरिकों को लेकर आयी है।
जिसमें बहुत ही कम मासिक अंशदान देकर देश का 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक का व्यक्ति स्वयं या अपने जीवनसाथी को जीवनपर्यंत 1000 रु. से लेकर 5000 रुपए तक की मासिक पेंशन का हकदार बना सकता है। जो अभिदाता के नामिति को 8.5 लाख रुपये तक ही सुरक्षा प्रदान करती है।
महंगाई के दौर में छोटे कारोबारियों, मजदूर, किसान, व्यापारियों में वृद्धावस्था के दौरान नियमित आय न होने के कारण अक्सर जीवन का आखिरी पडाव अभाव ग्रस्त एवं चिंताग्रस्त हुआ करता है।
इस दौर में आम आदमी दवा और इलाज के लिए भी मोहताज हो जाया करता है। नि:संतान दंपत्ति एवं वह बुजुर्गों जिन्हें उनके ही खून ने उपेक्षित किया हो लाचारी एवं बेबसी के सहारे अपना अंतिम समय गुजारने को मजबूर हुआ करते हंै लेकिन अटल पेंशन योजना के अंतर्गत काम के दिनों में की गई थोड़ी-थोड़ी बचत उस नागरिक को वृद्धावस्था के दौरान आर्थिक चिंताओं से मुक्त करेगी। देश के प्रधानमंत्री पर सूट-बूट सहित विदेशी यात्राओं को लेकर तंज छोड़े जा रहे थे। जवाब में प्रधानमंत्री ने संवेदनाओं और दूरदर्शिता से देश के प्रत्येक नागरिक के सुरक्षित भविष्य का ताना-बाना बुना है। इसे अब नरेन्द्र मोदी की जनमुखी सोच की छवि देश के आम आदमी के दिल में छाप छोड़ रही है।

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