अरहर खरीदी में एफएक्यू का अड़ंगा
(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। समर्थन मूल्य पर पहली बार शुरू हुई तुअर खरीदी किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। समर्थन केंद्र पर किसानों की तुअर अमानक बताकर खरीदने से इंकार किया जा रहा है। ऐसे में किसानों को मजबूरी में व्यापारियों को आधा दामों पर तुअर बेचनी पड़ रही है। किसानों का आरोप है कि व्यापारी और मार्कफेड के अफसरों की मिलीभगत है। कमीशन के फेर में किसानों की जिस तुअर को अमानक बताकर खरीदने से इंकार किया जा रहा है, उसी तुअर को मार्कफेड के अफसर व्यापारियों से आसानी से खरीद रहे हैं। इधर, कुछ जगह तो समर्थन मूल्य के केंद्र जानबूझकर खोले ही नहीं जा रहे हैं, ताकि किसान व्यापारियों को तुअर बेचने को मजबूर हो जाए।
केंद्र सरकार ने न केवल किसानों को तुअर के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया बल्कि इसे समर्थन मूल्य पर खरीदने का भी वादा किया। तुअर का समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन समर्थन केंद्र पर खरीदी न होने से किसानों को मंडी में 2200 से 3000 रु. प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा है। होशंगाबाद के पिपरिया में तुअर दाल की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये केंद्र शुरू हो चुका है। लेकिन दो माह में केंद्र पर 11750 क्विंटल तुअर ही खरीदी जा सकी है। जबकि मंडी में इसके दस गुना यानी 1 लाख 9 हजार क्विंटल से अधिक दाल खरीदी हो चुकी है। किसानों ने आरोप लगाया कि तुअर छानकर लाए फिर भी अफसरों ने खरीदने से इंकार कर दिया। नरसिंहपुर जिले में अरहर खरीदी में एफएक्यू की आड़ में किसानों को भटकाये जाने की शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटेल द्वारा कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन से की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पटेल ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जा रही अरहर की खरीदी में निगम के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा अरहर की एफएक्यू मानक को लेकर खरीदी में आनाकानी की जा रही है जिसके कारण किसान व्यापारियों को कम दाम पर अरहर बेचने को मजबूर है।
छन्ना लगाकर खरीदी करें
कलेक्टर नरसिंहपुर ने एफसीआई एवं नाफेड के अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिया है कि किसानों से मानक स्तर की तुअर खरीदी करें यदि तुअर में कुछ कचरा, मिट्टी एवं अंडर साईज के दाने हों तो छन्ना लगाकर मानक स्तर का बनाकर खरीदी करें।
अरहर खरीदी के केन्द्र बढ़ायें : मुख्यमंत्री
इधर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समर्थन मूल्य पर अरहर खरीदी के केन्द्र 64 से बढ़ाकर 80 करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अरहर खरीदी के लिये निर्धारित लक्ष्य और तिथि बढ़ाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर एफएक्यू क्वालिटी की अरहर खरीदी की जरूरी व्यवस्थायें की जायें जिससे किसानों को कोई परेशानी नहीं हो। एफएक्यू गुणवत्ता की अरहर खरीदी पर मण्डियों में व्यापारियों की बोली नियमानुसार स्थगित की जाये। नाफेड को समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था मार्कफेड से करायें। मुख्यमंत्री ने अरहर की ज्यादा पैदावार को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर तुअर खरीदी का लक्ष्य 91 हजार 800 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2 लाख मीट्रिक टन करने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया जाये। साथ ही खरीदी की अंतिम निर्धारित तिथि 15 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल कराने की पहल करें। प्रदेश में अभी समर्थन मूल्य पर तुअर खरीदी के 64 केन्द्र निर्धारित है। इनमें नाफेड के 41, एफ.सी.आई के 21 एवं लघु कृषक व्यापार संगठन (एस.एफ.ए.सी) के 2 केन्द्र शामिल हैं। प्रदेश में अभी तक कुल आवक 32 हजार मीट्रिक टन के विरूद्ध 16 हजार 400 मीट्रिक टन अरहर की मूल्य स्थायीकरण निधि के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है।