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अगले पांच वर्षों में सिंचाई के लिए 50 हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार

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नई दिल्ली। कृषि की मानसून पर निर्भरता को कम करने के लिए केंद्र ने हर गांव तक सिंचाई सुविधा पहुंचाने के लिए पचास हजार करोड़ की योजना को मंजूरी दे दी है। इसमें मौजूदा समय में चल रही योजनाओं को मिला दिया गया है।
केंद्रीय कैबिनेट की गत दिनों हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत कृषि-जलवायु की दशाओं और पानी की उपलब्धता के आधार पर जिला और राज्य स्तर पर सिंचाई की योजनाएं बनाई जाएंगी। देश में कुल 14.2 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से 65 फीसदी में सिंचाई की सुविधा नहीं है और यह मानसून की बारिश पर निर्भर है। ऐसे में इस योजना का महत्व और बढ़ जाता है।योजना के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 1,000 करोड़ रुपए का बजटीय आवंटन किया गया है। इसके तहत हर खेत तक सिंचाई जल पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाने व उन्हें लागू करने में राज्यों को अधिक स्वायत्तता व धन के इस्तेमाल की लचीली सुविधा दी गई है। यह योजना सभी राज्यों में समान रूप से लागू होगी। जहां वर्षा आधारित कृषि व्यवस्था है, इस योजना में प्राथमिकता मिलेगी।

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म.प्र. के 97 विकासखंड योजना में शामिल
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में मनरेगा और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम से कार्य किए जाएंगे। अपर मुख्यसचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरुणा शर्मा ने भारत सरकार की इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मैदानी अमले को निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के 44 जिले के चयनित 97 विकासखंड में आगर-मालवा जिले का विकासखण्ड नलखेड़ा, अलीराजपुर जिले का सोण्डवा, अनूपपुर जिले का पुष्पराजगढ़ तथा अशोकनगर जिले का मुंगावली विकासखण्ड शामिल है। इसी तरह बालाघाट जिले का बैहर और बिरसा, बड़वानी का निवली, राजपुर, सेंधवा तथा ठीकरी, बैतूल का आठनेर, बैतूल, भैंसदेही, भीमपुर, चिचौली तथा शाहपुर विकासखण्ड, भोपाल का बैरसिया, बुरहानपुर का खकनार, छतरपुर का बड़ामलहरा, बिजावर, बक्सवाहा तथा राजनगर, छिन्दवाड़ा का बिछुआ, हर्रई, तामिया, दमोह का जबेरा और पटेरा, दतिया जिले का सेवड़ा, देवास जिले का बागली और कन्नोद, धार जिले का धरमपुरी, गंधवानी, सरदारपुर तथा उमरवन, डिण्डौरी का डिण्डौरी, गुना का बमोरी तथा चाचौड़ा, ग्वालियर का भितरवार और होशंगाबाद जिले का केसला विकासखण्ड इस योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा जबलपुर जिले का कुन्डम, झाबुआ का मेघनगर, पेटलावद, राना, थांदला, कटनी का बड़वारा, खण्डवा का छेगांव, खालवा, पंधाना, खरगोन का भगवानपुरा, भीकनगाँव, कसरावद, सेगांव तथा झिरन्या, मण्डला का बीजाडान्डी तथा नारायणगंज, मंदसौर का सीतामऊ, नीमच का मनासा, पन्ना का अजयगढ़, गुन्नौर, पन्ना, पवई तथा शाहनगर, रायसेन का सिलवानी, राजगढ़ जिले का खिलचीपुर तथा राजगढ़ और रतलाम का बाजना विकासखंड इस योजना में शामिल है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में मनरेगा और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम में जो विकासखंड लाभांवित होंगे, उनमें रीवा जिले का हनुमना, सागर का बंडा, जैसीनगर, केसली, रहली तथा शाहगढ़, सीहोर का इछावर, सिवनी का छपारा तथा लखनादोन, शहडोल का ब्यौहारी, बुढ़ार, गोहपारू, श्योपुर का कराहल, शिवपुरी का खनियाधाना, कोलारस तथा नरवर, सीधी का मंझौली, रामपुर नैकिन, सीधी, सिंगरौली का चितरंगी तथा देवसर, टीकमगढ़ का बल्देवगढ़, जतारा, निवाड़ी, पलेरा, पृथ्वीपुर तथा टीकमगढ़, उज्जैन जिले का महिदपुर, उमरिया का करकेली तथा विदिशा जिले का लटेरी और नटेरन विकासखंड शामिल हैं।

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