State News (राज्य कृषि समाचार)

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह – यूरिया के साथ कीटनाशक न मिलाएं

Share
  • गेहूं में यूरिया आधार खाद के रूप में 40 किग्रा./हे. बुवाई के समय दें एवं शेष बची मात्रा को दो भाग करके प्रथम दो सिंचाई में दें। प्रथम सिंचाई अथवा बुवाई के 21 दिन के पश्चात् यूरिया 25 किलो/बीघा दें तथा द्वितीय एवं तृतीय सिंचाई के समय 15 किलो/बीघा यूरिया का प्रयोग करें। यूरिया के भुरकाव के समय पर विशेष ध्यान रखें कि इसके साथ अन्य कोई भी कीटनाशक दवा का प्रयोग न करें।

अधिक यूरिया न डालें 

  • यूरिया के अधिक प्रयोग से फसलों की बढ़वार अधिक हो जाती है जिससे तेज हवा चलने पर फसल के गिरने की संभावना अधिक हो जाती है एवं इसका उपज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। केवल अनुशंसित मात्रा में ही यूरिया का उपयोग करें।
  • कीटनाशक, फफंूदीनाशक एवं खरपतवारनाशक की अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करें।

माहो का प्रकोप

  • माहो एवं जैसिड कीट का अधिक प्रकोप होने पर थायोमिथाक्सम 7 ग्राम/पम्प कीटनाशक  का स्प्रे करें या कीटनाशक इमिडाक्लोप्रिड की 5 मिली/पम्प की दर से छिड़काव करें।

इल्ली, दीमक का नियंत्रण

​​​​​​​गेहूं में पीलापन एवं गेहूं के सूखने की समस्या इल्ली एवं दीमक के कारण हो सकती है उसे नियंत्रण हेतु कृषक भाई क्लोरोपायरीफास+साइपरमैथ्रिन 500 मिली/बीघा या क्लोरोपायरीफास 200 मिली/बीघा के साथ 100 मिली लेम्डा साइहेलोथ्रिन को 25 किलो बालू रेत में मिलाकर इसे छांवदार स्थान पर सुखा लें फिर इसे 1 बीघे के खेत में बिखेर दें तथा खेत में पानी लगा दें। इससे जमीन के अंदर की जो इल्ली गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही है उसे नष्ट किया जा सकता है उपरोक्त दवा को बॉटल में डालकर इसे उलटा लटका कर बूंद-बूंद टपका कर सिंचाई नाली में डालकर भी प्रयोग किया जा सकता है।

  • नत्रजन का प्रयोग सिफारिश की गई मात्रा से अधिक न करें। अधिक यूरिया के प्रयोग से रस चूसक कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है जिससे पौधों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

प्रस्तुति : कृषि विज्ञान केंद्र, धार

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *