State News (राज्य कृषि समाचार)

किसानों ने देखी आंध्र, महाराष्ट्र की उन्नत खेती

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भोपाल। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मप्र. की पी.पी. पार्टनर संस्था के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल ने राज्य के बाहर अध्ययन एवं भ्रमण कार्यक्रम महाराष्ट्र/ हैदराबाद राज्य में कराया। बालाघाट एवं शाजापुर और हरदा जिले के चयनित कृषकों ने महाराष्ट्र/हैदराबाद में विभिन्न कृषि तकनीक गतिविधि को देखा। बालाघाट, शाजापुर, हरदा जिले के चयनित किसानों के दल को एस.ए.डी.ओ. श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दल ने संतरा , राष्ट्रीय नीबू वर्गीय फल अनुसंधान केन्द्र नागपुर में उत्पादन की जानकारी डॉ. विनोद अनाव्रत, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. श्रीमती अनुराधा टी से ली संस्था में संतरा उत्पादन प्रक्षेत्र का अध्ययन एवं भ्रमण किया।

संतरे में लगने वाले रोग या फटने की बीमारी किसानों ने समझी फल झडऩे की स्थिति में 600 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम स्फुर ,1300 ग्राम यूरिया ,1250 ग्राम सिंगल, सुपर फास्फेट का छिड़काव करने से फल झडऩा बंद हो जाता है। इसके साथ ही उन्होंने फसल के बारे में बताया कि अरहर मेढ़ में लगायें, सोयाबीन, सरसों बहार लगाने की विधि बताई। किसान इक्रीसेट पटन चेरू, हैदराबाद (आन्ध्रप्रदेश) अध्ययन/भ्रमण कर संरक्षित खेती से रूबरू हुये। इक्रीसेट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एम.एम. शर्मा ने किसानों को प्रोजेक्टर के द्वारा संरक्षित खेती व इक्रीसेट अनुसंधान का परिचय सीडी के माध्यम से दिखाकर स्थान का परिचय कराया। भ्रमण के दौरान इक्रीसेट प्रक्षेत्र का 3500 एकड़ में फैलाव है जहां 6 प्रकार के बीज पर अनुसंधान हो रहा है। इस रिसर्च सेन्टर विदेशों में भी अनुसंधान करती है। चना देशी उन्नत प्रजातियां, अवरोधी, गौरव, आईसीसीवी 10 (भारती), बीजी 256, पूसा 362, पूसा 372 एवं बीजीएम 417 (गिरनार पूसा 417) काबुली बी.जी. 267।

1. राज्य के बाहर अध्ययन एवं भ्रमण
2. बालाघाट, शाजापुर, हरदा, जिले के कृषक हुए शामिल
3. इन्टरनेशनल क्रॉप रिसर्च अनुसंधान केन्द्र, पटनचेरू हैदराबाद (आंध्रप्रदेश)
4. राष्ट्रीय नीबू वर्गीय फल अनुसंधान केन्द्र अमरावती रोड नागपुर (महाराष्ट्र)

शीघ्र पकने उन्नत किस्म अरहर – टाइप-21, पूसा अगेती, यू.पी.ए.एस. 120, किस्मों में अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। डॉ. एम.एम. शर्मा ने इक्रीसेट प्रक्षेत्र का भ्रमण किसानों रबी फसल व खरीफ फसल के उत्पादन के बारे में बताये। साथ ही कृषकों ने हैदराबाद के धार्मिक स्थानों का अवलोकन कर चार मीनार हुसैन सागर, बिड़ला मंदिर, श्री शैलम, मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग, नागार्जुना सागर बांध का भ्रमण किया। हरदा जिला में समूह निर्माण आवासीय प्रशिक्षण और जिले के बाहर भी कृषकों का अध्ययन एवं भ्रमण उज्जैन कृषि विज्ञान केन्द्र में गतिविधि संचालित की गई है। के.जे. एजुकेशन सोसायटी से उपस्थित श्री देवेन्द्र कुमार दुबे, श्री श्रवण मीणा श्री चैनलाल चौरे ने कृषकों का प्रतिनिधित्व किया। कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन की वैज्ञानिक डॉ. रेखा तिवारी के मार्गदर्शन में संचालित किया गया।

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