एसबीआई फाउंडेशन, आईसीआरआईसैट और यूएएस रायचूर ने शुरू किया “स्मार्ट-क्रॉप” (SMART-CROP) प्रोजेक्ट
30 अक्टूबर 2025, हैदराबाद: एसबीआई फाउंडेशन, आईसीआरआईसैट और यूएएस रायचूर ने शुरू किया “स्मार्ट-क्रॉप” (SMART-CROP) प्रोजेक्ट – भारतीय स्टेट बैंक की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) शाखा एसबीआई फाउंडेशन ने कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) रायचूर, आईसीआरआईसैट (अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान, अर्ध शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए) और एग्रीब्रिज के साथ मिलकर स्मार्ट-क्रॉप (SMART-CROP) परियोजना — सस्टेनेबल मॉनिटरिंग एंड रियल-टाइम ट्रैकिंग फॉर क्रॉप रेजिलिएंस एंड ऑप्टिमल प्रैक्टिसेज — की शुरुआत की है।
हैदराबाद में आयोजित लॉन्च कार्यक्रम में परियोजना क्षेत्रों के किसान प्रत्यक्ष रूप से और वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए, जो इस पहल के सहयोगी और समावेशी स्वरूप का प्रतीक रहा।
तीन वर्षों की यह स्मार्ट-क्रॉप परियोजना, एसबीआई फाउंडेशन के लीप (LEAP – Livelihood and Entrepreneurship Accelerator Programme) के तहत समर्थित है। इसका उद्देश्य कर्नाटक (बिदर, कलबुर्गी, रायचूर) और तेलंगाना (संगारेड्डी, विकाराबाद) के 8,000 से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों की उत्पादकता और लचीलापन (resilience) को सशक्त करना है।
उपग्रह चित्रण, रिमोट सेंसिंग और एआई/एमएल-आधारित विश्लेषण जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए यह परियोजना फसलों की वास्तविक समय (real-time) में निगरानी करेगी, जिससे किसान जलवायु जोखिम, कीट व रोग प्रकोप तथा मिट्टी के स्वास्थ्य में गिरावट जैसी चुनौतियों के खिलाफ समय रहते कदम उठा सकेंगे।
एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक श्री संजय प्रकाश ने कहा, “स्मार्ट-क्रॉप परियोजना के माध्यम से हम किसानों को तकनीक आधारित समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, जिससे फसलों की सहनशीलता बढ़ेगी, जोखिम कम होंगे और जलवायु-स्मार्ट खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल नवाचार के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाकर उन्हें सम्मान, सुरक्षा और आशा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
श्रीमती दिव्या देवराजन, आईएएस, सीईओ, सोसाइटी फॉर एलिमिनेशन ऑफ रूरल पॉवर्टी (SERP), ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि भारत में कृषि प्रगति को तेज करने के लिए किसान-केंद्रित नवाचार अत्यंत आवश्यक हैं।
डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक, आईसीआरआईसैट, ने कहा, “भारतीय कृषि की असली क्षमता को उजागर करने के लिए साझेदारी बेहद जरूरी है। मैं एसबीआई फाउंडेशन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने फसल तनाव, जलवायु परिवर्तन, कीट एवं रोग नियंत्रण और मिट्टी के स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कदम उठाया है। यह न केवल खेत स्तर पर जोखिम कम करेगा, बल्कि खाद्य हानि में अरबों डॉलर की बचत की संभावना भी रखता है।”
परियोजना के प्रमुख अनुसंधानकर्ता डॉ. ए. जी. श्रीनिवास, प्रमुख, कीट विज्ञान विभाग, यूएएस रायचूर, और डॉ. ममता शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख रोग विशेषज्ञ, आईसीआरआईसैट, ने बताया कि परियोजना का फोकस चना और अरहर जैसी दाल फसलों की रीयल-टाइम निगरानी, किसानों का डिजिटल समावेशन, और एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन तकनीकों के विस्तार के लिए किसान-भागीदारी दृष्टिकोण पर रहेगा।
साथ ही परियोजना के तहत सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन भी किया जाएगा, जिससे उत्पादकता में अंतर, प्रारंभिक पहचान उपकरणों के प्रभाव और कृषि-पर्यावरणीय लाभों का आकलन किया जा सके।
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