जलवायु-सहनशील और उच्च उपज वाली चना किस्म ‘RLBG MH-4’ लॉन्च, जानिए इसकी खासियत
07 नवंबर 2025, नई दिल्ली: जलवायु-सहनशील और उच्च उपज वाली चना किस्म ‘RLBG MH-4’ लॉन्च, जानिए इसकी खासियत – झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (RLBCAU) ने चने की नई उन्नत किस्म ‘आरएलबीजी एमएच-4’ (RLBG MH-4) लॉन्च की है। यह किस्म किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद मानी जा रही है क्योंकि यह 100-110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक की उच्च उपज देने में सक्षम है।
विशेष रूप से इस किस्म को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल और रोग प्रतिरोधी बनाने के लिए विकसित किया गया है। बुंदेलखंड जैसे शुष्क और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए इसे एक बेहतरीन विकल्प माना जा रहा है। इसके मजबूत और सीधे पौधे कंबाइन हार्वेस्टर से मशीनी कटाई के लिए उपयुक्त हैं, जिससे मजदूरी की लागत और समय दोनों में भारी बचत होती है।
मशीनी कटाई के लिए अनुकूल
‘RLBG MH-4’ के पौधे लगभग 60 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं और इनके तने सीधे रहते हैं। फलियां जमीन से लगभग 20 सेंटीमीटर ऊपर लगती हैं, जिससे उन्हें आसानी से मशीनी तौर पर काटा जा सकता है। इससे किसानों को श्रम और पैदावार दोनों में लाभ मिलेगा।
पैदावार और बुवाई का सही समय
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस किस्म से सही प्रबंधन और वैज्ञानिक खेती के जरिए प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। उत्तर प्रदेश में इसकी बुवाई का सबसे उपयुक्त समय 25 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच है। विश्वविद्यालय जल्द ही बीज उत्पादन और प्रदर्शन कार्यक्रम भी शुरू करेगा, ताकि किसानों तक जल्दी से जल्दी यह किस्म पहुंच सके।
किस तरह तैयार की गई यह किस्म
‘RLBG MH-4’ को चने की दो उत्कृष्ट प्रजातियों ‘जेनेसिस 836’ और ‘जाकी 9218’ के संकरण से विकसित किया गया है। इसे कई वर्षों तक अलग-अलग परिस्थितियों में परखा गया और सर्वश्रेष्ठ गुणों के साथ चुना गया। इसके पौधे गहरे हरे पत्तों वाले हैं, फलियां सभी शाखाओं पर समान रूप से लगती हैं, और बीज गहरे भूरे रंग के चिकनी सतह वाले होते हैं।
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