मऊ। डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) एवं सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) ने गत दिनों भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, मऊ में एआईसीआरपी-एनएसपी (फसल) की संयुक्त 34वीं वार्षिक समूह बैठक, भाकृअनुप-बीज परियोजना की 14वीं वार्षिक समीक्षा बैठक और 22वीं वार्षिक ब्रीडर बीज समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया। बैठकों का आयोजन गत 7 से 9 अप्रैल, 2019 तक चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सहयोग से किया गया।
डॉ. महापात्रा ने रिवाल्विंग फंड स्कीम के चैनलाइज़ेशन के माध्यम से एक स्व-स्थाई बीज प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया, जो स्थानीय किसानों को बीज उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण और गुणवत्ता वाले बीज की समस्याओं का निराकरण करता है। महानिदेशक ने वैश्विक स्तर पर बीज कार्यक्रम को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान को अपनाने पर जोर दिया। डॉ. महापात्रा ने वार्षिक ब्रीडर बीज समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और रबी 2017-18 और खरीफ- 2018 के दौरान ब्रीडर सीड उत्पादन में स्थिति, कमी और जरूरी मुद्दों की समीक्षा की।
श्री अश्विनी कुमार, संयुक्त सचिव (सीड्स), ने विभिन्न प्लेटफार्मों में नई किस्मों के प्रचार के लिए प्रभावी तंत्र को तैनात करने पर प्रकाश डाला और कहा कि गुणवत्ता वाले बीज के निर्यात को बढ़ाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
डॉ. डी. के. यादव, अतिरिक्त महानिदेशक (बीज), भाकृअनुप, ने देश में बीज उत्पादन और अनुसंधान को उत्प्रेरित करने के लिए एआईसीआरपी-एनएसपी (फसल) और भाकृअनुप बीज परियोजना द्वारा निभाई गई भूमिकाओं को रेखांकित किया।