पन्ना। कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के डॉ. बी. एस. किरार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख एवं श्री रीतेश बागोरा मृदा विशेषज्ञ द्वारा गत दिनों जनवार, कुंजवन, जनकपुर, अहिरगुवां में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन गेहूं का अवलोकन एवं कृषकों से गेहूं की उन्नत तकनीक पर चर्चा की गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल से अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन गेहूं की नई एवं अधिक उत्पादन किस्म डी.बी.डब्ल्यू - 110 भेजी गई जिसको 14 कृषकों के खेतों पर प्रदर्शन हेतु लगायी है। यह किस्म 115-120 दिन में पक जाती है तथा देर से सिंचित क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्म है। इसका उत्पादन क्षमता 20-25 क्विं/एकड़ तक है। भ्रमण के दौरान वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल से सरसों के पौधे एवं अन्य खरपतवार निकालने की सलाह दी गई तथा गभोट अवस्था में 25 कि.ग्रा. यूरिया प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गई या फिर जैविक पौधवर्धक स्यूडोमोनास फ्लोरोसिंस 2 ली. प्रति एकड़ 200 ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई। कृषकों को समझाया गया कि इस किस्म के बीज को अगले वर्ष अधिक से अधिक क्षेत्र में और अधिक कृषकों तक पहुंचायें।