अन्नदाता को तमाशा न बनायें
दुनिया में काश्तकार को धरतीपुत्र एवं अन्नदाता का दर्जा सिर्फ इसलिये प्राप्त है क्योंकि वह पूर्ण ईमानदारी एवं स्वाभिमान से धरती के जीवन के लिये पेट भरने की व्यवस्था करता है। लेकिन दुर्भाग्यवश इस देश की नौकरशाही अन्नदाता की अहमियत
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